Bageshwar Dham history in hindi
भारतवर्ष के चमत्कारी और पवित्र धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम के वर्तमान से तो, सभी रूबरू है। परन्तु बागेश्वर धाम के इतिहास से अभी भी बहुत से लोग अंजान है। बागेश्वर धाम का इतिहास क्या है?,बागेश्वर धाम (bageshwar dham)के इतिहास(history) से जुड़ी रोचक तथ्य, bageshwar dham itishaas. यहां पर आपको बागेश्वर धाम के इतिहास से जुड़ी सभी खबर आपको आज पता चल जाएगा। इसलिए bageshwar dham histroy in hindi को पूरा अवश्य पढ़ें। जय श्री बागेश्वर धाम सरकार की।
बागेश्वर धाम का इतिहास?/history of bageshwar dham.
वैसे तो बागेश्वर धाम का इतिहास बहुत पुराना है। बागेश्वर धाम चंदेल राजाओं के शासन काल से उपस्थित है। लेकिन बागेश्वर धाम का इतिहास आज से करीब 35 वर्ष पूर्व सन 1986 से शुरू होता है।
क्योंकि इसी साल में बागेश्वर धाम के मंदिर का जीर्णोद्धार गांव के लोगो ने करवाया था। और तभी से यह मंदिर अपने असली अस्तित्व में आया और बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाने लगा। बागेश्वर धाम के इतिहास में सबसे अहम श्री सेतु लाल जी महाराज थे।
उन्होनें निर्मोही अखाड़ा चित्रकूट से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। और उसके पश्चात वे अपने गांव में आकर बागेश्वर धाम में ही रहने लगे। महाराज जी ने 1989 में बागेश्वर धाम में एक महायज्ञ का आयोजन कार्य था। उनको भगवान दास गर्ग के नाम से भी जाना जाता है।
बागेश्वर धाम के इतिहास में सबसे पहले 2012 में भक्तो की समस्याओं के निवारण हेतु धाम पर दिव्य दरबार लगाया गया था। और इसी दिव्य दरबार से बागेश्वर धाम को एक अलग पहचान मिली। लेकिन लोकप्रियता के अभाव में यहां पर भक्तों की संख्या बहुत कम थी।
परन्तु जैसे जैसे बागेश्वर धाम की ख्याति लोगोंतक पहुंचने तब 2016 में इस जगह का भूमि पूजन किया गया। और भक्तों की समस्याओं के निवारण हेतु टोकन प्रक्रिया आरंभ हुई थी। जैसे जैसे समय बीतता गया बागेश्वर धाम की ख्याति पूरी दुनिया में फैलती गई।
बागेश्वर धाम में दरबार कब लगता है
आपने बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार की चर्चा तो अवश्य सुनी होगी। लेकिन क्या आप ये जानते है, की बागेश्वर धाम में दरबार कब लगता है। जब भी बागेश्वर धाम के महाराज श्री धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी धाम पर उपस्थित रहते है। तब हर मंगल और शनिवार को दिव्य दरबार लगाया जाता है।
जब भी महाराज किसी दूसरे शहरों में कथा करने हेतु जाते है, तो वहा पर भी धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी कथा के बाद दरबार लगाते है। इस तरह से बागेश्वर धाम का दरबार हमेशा लगता रहता है। अगर महाराज जी धाम पर उपस्थित है ,तो वही पर दरबार लगता है।